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अपनी प्रसिद्ध : अकबर-बीरबल की कहानियाँ

                        अपनी प्रसिद्धि


एक बार एक ब्राह्मण, सेवाराम, बीरबल के पास आया। वह बोला, उसके पूर्वज संस्कृत के प्रकाण्ड-पंडित थे और सब लोग उन्हें पंडितजी कहकर बुलाते थे।

मेरे पास धन नहीं है, न ही मुझे जरूरत है, मैं तो एक साधारण जीवन जीना चाहता हूँ।

लेकिन बस मेरी एक इच्छा है कि लोग मुझे पंडितजी कहकर पुकारें। यह मैं कैसे प्राप्त कर सकता हूँ ?

बीरबल बोले, बहुत आसान है। यदि ब्राह्मण उसकी सलाह को माने तो यह हो सकता है। बीरबल ने सलाह दी जो उन्हें पंडितजी कहकर बुलाये, वह उस पर चिल्लाये।

उसी गली में कुछ बच्चे रहते थे जिन्हें ब्राह्मण ने की बार डांटा था इसलिए वो सब इस बात का बदला लेना चाहते थे। बीरबल ने उन बच्चों को बताया कि ब्राह्मण को अगर पंडितजी कहकर बुलाया जाए तो उन्हें बुरा लगता है।

तो बच्चे उन्हें पंडितजी कहकर चिढ़ाने लगे और बीरबल के कहे अनुसार ब्राह्मण उनका जवाब चिल्ला कर देने लगा।

बच्चों ने यह बात आस-पास फैला दी और सब उन्हें पंडितजी कहकर बुलाने लगा। तो खेल तो खत्म हो गया लेकिन नाम रह गया।

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