बिल्ली बच गई
ढोलू- मोलू दो भाई थे। दोनों खूब खेलते , पढ़ाई करते
और कभी-कभी खूब लड़ाई भी करते थे। एक दिन दोनों
अपने घर के पीछे खेल रहे थे। वहां एक कमरे में बिल्ली के
दो छोटे-छोटे बच्चे थे। बिल्ली की मां कहीं गई हुई थी , दोनों
बच्चे अकेले थे। उन्हें भूख लगी हुई थी इसलिए खूब रो रहे
थे। ढोलू - मोलू ने दोनों बिल्ली के बच्चों की आवाज सुनी
और अपने दादाजी को बुला कर लाए।
दादा जी ने देखा दोनों बिल्ली के बच्चे भूखे थे। दादा जी ने
उन दोनों बिल्ली के बच्चों को खाना खिलाया और एक एक
कटोरी दूध पिलाई। अब बिल्ली की भूख शांत हो गई। वह
दोनों आपस में खेलने लगे। इसे देखकर ढोलू - मोलू बोले
बिल्ली बच गई दादाजी ने ढोलू - मोलू को शाबाशी दी।
नैतिक शिक्षा - दूसरों की भलाई करने से ख़ुशी मिलती है।